PTB News

Latest news
जालंधर के जिलाधीश डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने जनता से की अपील, बड़ी ख़बर, भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर की घोषणा, डोनाल्ड ट्रंप ने किया दावा, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री व उप-मुख्यमंत्री ने सेंचुरीदार मेजर पवन कुमार की मृत्यु पर व्यक्त किया ... जालंधर के जिलाधीश व पुलिस कमिश्नर ने लिया मौजूदा हालात के मद्देनजर सुरक्षा तैयारियों का जायजा, जनता ... 2 दिन में घुटनों पर आया पाकिस्तान, फोन करके लगाई भारत से शांति की गुहार, हिमाचल के चिंतपूर्णी में भी गिरा पाकिस्तान का रॉकेट, धमाका सुन घरों से बाहर निकले लोग, सुबह-सुबह धमाकों से गूंजा जालंधर शहर, दिन में पहली बार हुआ हमला, जालंधर में जारी हुआ रेड अलर्ट, भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच पंजाब के किसानों ने लिया बड़ा फैसला, फिरोजपुर में घर पर गिरा ड्रोन, महिला से 3 झुलसे, , कहां-कहां सुनाई दी धमाकों की आवाज, पाकिस्तान ने फिर किया जम्मू, पठानकोट और फिरोजपुर पर ड्रोन से हमला, आर्मी ने आसमान में ही किये ध्वस्त...
Translate

BJP ने चुनावों से पहले अपने ही विधायकों के खिलाफ बड़ा कदम, 4 को किया सस्पेंड,

troubled rebels himachal Pardesh elections bjp took big step suspended 4 former mlas

PTB Big Political हिमाचल प्रदेश : हिमाचल प्रदेश विधान सभा चुनाव को लेकर एक बड़ी राजनीतिक लड़ाई लड़ रही भाजपा के लिए उसके बागी नेता ही बड़ी चुनावी मुसीबत बन गए हैं। टिकट बंटवारे के बाद बागी हुए 4 पूर्व विधायकों समेत भारतीय जनता पार्टी ने अपने 5 नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इसके अलावा पार्टी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष की भी प्राथमिक सदस्यता रद्द कर दी गई है।

इन सभी पर 6 साल तक पार्टी से जुड़ी गतिविधियों में शामिल होने की रोक रहेगी। जिन नेताओं का सस्पेंशन हुआ है, वे सभी बीजेपी के प्रत्याशियों के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। जिन पांच नेताओं पर एक्शन लिया गया है, उनमें किन्नौर के पूर्व विधायक तेजवंत सिंह नेगी, आनी के पूर्व विधायक किशोरी लाल, इंदौरा के पूर्व विधायक मनोहर धीमान, नालागढ़ के पूर्व विधायक केएल ठाकुर और फतेहपुर से आने वाले पार्टी के पूर्व उपाध्यक्ष कृपाल परमार शामिल हैं।

आपको यह भी बता दें कि राज्य में विधान सभा की सभी 68 सीटों पर 12 नवंबर को मतदान होना है। पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में ज्यादात्तर विधान सभा सीटों पर कुछ हजार वोटों का अंतर ही जीत-हार तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और ऐसे में भाजपा के लिए उसके अपने ही नेता ( बागी नेता) परेशानी का बड़ा सबब बन गए हैं। भाजपा हर चुनाव में सरकार बदलने की राजनीतिक परंपरा को तोड़ते हुए इस बार सरकार नहीं रिवाज बदलें के नारे के साथ चुनाव लड़ रही है लेकिन पार्टी के बागियों ने भाजपा नेताओं की चिंता बढ़ा दी है।

अपना गृह राज्य होने के कारण भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने नाराज और बागी नेताओं को मनाने का जिम्मा स्वयं संभाला था। नड्डा ने लगातार नाराज नेताओं से मुलाकात की, पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लड़ रहे नेताओं को हर तरीके से समझाने की कोशिश की। नड्डा को अपने इस अभियान में कई मोचरें पर कामयाबी भी मिली लेकिन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की तमाम कोशिशों के बावजूद अभी भी पार्टी के लगभग 21 नेता बागी होकर भाजपा उम्मीदवारों के खिलाफ निर्दलीय ताल ठोंक रहे हैं।

इन बागी नेताओं में पार्टी के साथ कई दशकों से जुड़े हुए कद्दावर नेता भी शामिल हैं जिनके चुनाव लड़ने से भाजपा के उम्मीदवारों का नुकसान होना तय माना जा रहा है। भाजपा के इन बागी उम्मीदवारों को जितना वोट मिलेगा उतना ही कांग्रेस के उम्मीदवारों को फायदा होने की संभावना बढ़ जाएगी। ऐसे में बताया यह जा रहा है कि डैमेज कंट्रोल के लिए भाजपा इन बागी नेताओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का मन बना चुकी है।

दरअसल, भाजपा का यह मानना है कि कठोर कार्रवाई करके एक तरफ जहां भाजपा के कैडर को स्पष्ट संदेश मिल जाएगा, तो वहीं दूसरी तरफ मतदान करने को लेकर कन्फ्यूज्ड वोटरों के मन में भी भाजपा उम्मीदवार को लेकर तस्वीर स्पष्ट हो जाएगी।

Latest News

Latest News