स्कूल की छात्रों, अभिभावकों सहित पूर्व अध्यापिकाओं ने लगाया स्कूल मैनेजमेंट के खिलाफ धरना,
PTB City न्यूज़ जालंधर : के एल आर्य गर्ल्स स्कूल जालंधर कैंट में स्कूल की छात्रों तथा उनके अभिभावकों ने स्कूल मैनेजमेंट के खिलाफ धरना लगाया, जिसमें स्कूल की तीन पूर्व अध्यापिकाएं भी उपस्थित रहीं। धरना दे रहीं छात्राओं तथा उनके स्वजनों ने स्कूल मैनेजमेंट तथा मौजूदा प्रिंसिपल पर आरोप लगाया कि आठवीं कक्षा तथा ग्यारहवीं कक्षा की अधिकतर छात्राओं को फेल कर दिया गया जबकि सभी पढ़ाई में होशियार थीं।
.ग्यारहवीं कक्षा की छात्राओं ने बताया कि मैनेजमेंट द्वारा साजिश के तहत 27 में से 22 छात्राओं को फेल कर दिया गया। स्वजनों ने बच्चों के दिए गए एग्जाम शीट्स दिखने की मांग की जिसपर स्कूल मैनेजमेंट ने इंकार कर दिया।उन्होंने आरोप लगाया कि जब तक पुराने अध्यापिकाएं स्कूल में पढ़ा रही थी तब तक स्कूल में पढ़ाई का वातावरण अच्छा था परंतु नए स्टाफ और प्रिंसिपल का रवैया विद्यार्थियों के साथ सही नहीं था।
.इस दौरान छात्राओं के स्वजनों ने बताया कि बच्चों के ट्रांसफर सर्टिफिकेट लेने के लिए उन्हें धक्के खाने पड़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि बच्चों को बिना किसी वजह से फैल कर दिया गया ओर अब ट्रांसफर सर्टिफिकेट लेने के लिए जब स्कूल आते हैं तो स्कूल का गेट नहीं खोला जाता। खुद समय देकर स्कूल वाले बुलाते हैं पर सर्टिफिकेट नहीं देते जिससे उनके बच्चों को दूसरे स्कूलों में एडमिशन नहीं मिल पा रही और उनका करियर खराब हो रहा है जिसके चलते आज उन्होंने धरना लगाया।
.के ऐल आर्य गर्ल्स हाई स्कूल जालंधर कैंट की मान्यता प्राप्त आसामी पर काम कर रही तीन अध्यापिकाओं ने बताया कि वे पिछले कुछ समय से प्रबंधक कमेटी के प्रधान और मैनेजर के द्वारा लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के कारण तीनों मान्यता प्राप्त आसामी पर काम कर रही अध्यापिकाएं संतोष शर्मा विज्ञान अध्यापिका कार्यकारी मुख्य अध्यापिका 30 जून 2024 को स्कूल से सेवा मुक्त हुई और अनीता शर्मा पंजाबी अध्यापिका और संध्या कौशल सामाजिक शिक्षा अध्यापिका में भी 15 अगस्त 2024 को इन दोनों के तानाशाही रवैया से तंग आकर स्वयं इच्छा सेवा मुक्ति ले ली
.अब तीनों सेवा मुक्त अध्यापिकाओं को स्कूल से सेवा मुक्त हुए लगभग 10 महीने हो चुके हैं लेकिन स्कूल मैनेजनर सेवा मुक्त अध्यापिकाओं के सेवा संबंधी सारे रिकॉर्ड को अपनी कब्जे में रखकर बैठा है और तीनों सेवा मुक्त अध्यापिकाओं को अभी तक उनके मिलने वाले पेंशनरी लाभ जैसे उनका अपना जीपी फंड और पेंशन संबंधी दस्तावेज विभाग को, विभाग के द्वारा बार-बार चिट्ठियां जारी करने के बावजूद भी नहीं दे रहा जिसके कारण तीनों अध्यापिकाओं को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है जिसके चलते उन्होंने धरने पर बैठने का फैसला किया।
.इस मामले को लेकर स्कूल के गेट पर चस्पा किए हुए स्कूल मैनेजमेंट के सदस्यों के नंबरों पर जब हमने बात करनी चाही तो किसी भी सदस्य ने फोन नहीं उठाया और ना ही किसी ने वापिस फोन करके बात करी। स्कूल प्रबंधन कमेटी के मैनेजर संजीव गुप्ता ने एक पत्रकार को फोन पर बताया कि तीनों अध्यापिकाओं ने अपनी मर्जी से रिटायरमेंट ली थी और चार्ज ना देने की वजह से उनके पेंशनरी लाभ तथा अन्य डॉक्यूमेंट्स को रोका गया ही। दूसरी तरफ जिन छात्राओं को फेल किया गया है उनके स्वजनों को भी पता है कि वे विद्यार्थियों सारा साल स्कूल हाजिर नहीं थे बाकी सभी के ट्रांसफर सर्टिफिकेट तैयार हैं वे वर्किंग डे में कभी भी ले जा सकते हैं।
.स्कूल मैनेजमेंट के खिलाफ लगे इस धरने में कैंट पुलिस के आश्वाशन के बाद धरना खत्म कर दिया गया। कैंट थाने के एस एच ओ रविंदर कुमार से धरना दे रहे तीनों अध्यापिकाओं ओर छात्राओं के स्वजनों ने मुलाकात की जिसके कुछ देर बाद एसीपी कैंट बबनदीप सिंह ने सोमवार शाम 4 बजे स्कूल मैनेजमेंट और धरना दे रहे छात्राओं, स्वजनों तथा तीनों अध्यापिकाओं के साथ मीटिंग का आश्वाशन दिया जिसके बाद सभी ने धरना खत्म कर दिया और उम्मीद जताई कि एसीपी के साथ मीटिंग के बाद इसका कुछ न कुछ हल जरूर निकल कर आएगा।
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