डिग्रियां गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर के द्वारा के.एम.वी. द्वारा ऑटोनॉमस दर्जे के तहत एक और नई पहल – परीक्षाओं के 20 दिनों के अंदर परिणामों की घोषणा : प्रो. अतिमा शर्मा दिवेदी
PTB न्यूज़ “शिक्षा” : भारत की एक विरासत एवं ऑटोनॉमस संस्था, कन्या महा विद्यालय, जालंधर अपनी छात्राओं को प्रदान की जाने वाली गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, उच्च रैंकिंग और प्रगतिशील नए युग की शिक्षा के कारण पूरे क्षेत्र में अन्य शैक्षणिक संस्थानों से मीलों आगे है। ऑटोनॉमस सिस्टम से छात्राओं को अधिक लाभ प्रदान किए जा रहे है। कन्या महा विद्यालय, शहर की एकमात्र ऑटोनॉमस संस्था होने के नाते,
स्टूडेंट फ्रेंडली परीक्षा प्रणाली के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण बेशुमार लाभों के लिए बहुत गंभीरता से काम कर रहा है। इस सिस्टम के तहत डिग्री गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर द्वारा प्रदान की जाती है जबकि परीक्षाएं कॉलेज के ऑटोनॉमस दर्जे के तहत आयोजित की जाती हैं। इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए विद्यालय के प्राचार्या प्रो. अतिमा शर्मा द्विवेदी ने कहा कि ऑटोनॉमस दर्जे के तहत इस प्रतिष्ठित संस्थान की छात्राओं को परीक्षा नीति के तहत बहुत महत्वपूर्ण लाभ मिलते हैं।
ऑटोनॉमी के तहत कन्या महा विद्यालय ने कंटीन्यूअस इवेलुएशन सिस्टम (सी.ई.एस.) और क्रेडिट बेस्ड कंटिन्यूअस इवेलुएशन ग्रेडिंग सिस्टम (सी.बी.सी.ई.जी.एस.) के तहत सभी कार्यक्रमों में कंटिन्यूस एसेसमेंट (सी.ए) की शुरुआत की है।सी.बी.सी.ई.जी. एस. सत्र 2018-19 में वोकेशनल प्रोग्राम्स के लिए शुरू की गई थी और सत्र 2022-23 में सी.बी.सी.ई.जी.एस. के तहत सभी पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री प्रोग्राम तथा पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा प्रोग्राम रजिस्टर्ड किए गए थे।
भारत सरकार की नई शिक्षा नीति-2020 के अनुसार जहां कन्या महा विद्यालय में पहले से ही कई प्रोग्राम सफलतापूर्वक चलाए जा रहे हैं वहीं सत्र 2023-24 और प्रोग्रामों को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि सी.बी.सी.ई.जी.एस. प्रणाली का पालन किया जा सके। नई शिक्षा नीति के अनुसार, अंडर ग्रेजुएट डिग्री 3 या 4 साल की अवधि की होगी, इस अवधि में कई प्रवेश और निकास विकल्पों के साथ, उपयुक्त साख के साथ व्यावसायिक और पेशेवर क्षेत्रों सहित किसी भी विषय या क्षेत्र में 1 वर्ष पूरा होने पर सर्टिफिकेट के बाद 2 साल के अध्ययन के बाद एक डिप्लोमा,
3 साल के प्रोग्राम के बाद अंडर ग्रेजुएट स्तर की डिग्री, तीन साल के डिग्री कार्यक्रम के पूरा होने के बाद विद्यार्थी 4 साल के प्रोग्राम के लिए रजिस्टर्ड हो सकता है जिसके माध्यम से वह ऑनर्स /रिसर्च के साथ डिग्री भी हासिल कर सकते हैं। इसके अलावा, छात्राओं के पास चार साल की अंडर ग्रेजुएट डिग्री पूरी करने के बाद कॉलेज के नियमों के अनुसार संबंधित क्षेत्र में एक साल की मास्टर डिग्री हासिल करने का भी विकल्प होगा। परीक्षा से संबंधित नए मॉड्यूल जोड़कर कॉलेज प्रबंधन सूचना प्रणाली को नियमित रूप से अपग्रेड किया जाता है।
कॉलेज ने डिजीलॉकर और अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (ए.बी.सी.) के साथ भी रजिस्टर्ड किया है और सत्र 2021-22 के लिए पंजीकृत छात्राओं का सभी डेटा अपलोड किया जा चुका है जो वर्तमान में डिजिलॉकर पोर्टल पर लाइव है। अंतिम सेमेस्टर परीक्षा परिणाम हमेशा जल्द से जल्द घोषित किए जाते हैं। मई 2023 के अंत सेमेस्टर परीक्षाओं के लिए प्रत्येक प्रोग्राम का परिणाम संबंधित प्रोग्राम की अंतिम परीक्षा के बाद लगभग 20 दिनों में घोषित किया जा रहा है और अब तक 55 कार्यक्रमों का परिणाम घोषित किया जा चुका है।
आगे बात करते हुए उन्होंने कहा कि न केवल एक संक्षिप्त डेटशीट बल्कि एक अनुकूलित परीक्षा कार्यक्रम भी छात्राओं के लिए व्यवस्थित किया जाता है, परंतु अगर किसी भी प्रतियोगी परीक्षा और छात्राओं की कक्षा परीक्षाओं की तारीखों के बीच कोई कलैश हो तो इसे तुरंत बदलकर प्रस्तुत किया जाता है। साथ ही, पेपर के कठिनाई स्तर को ध्यान में रखते हुए परीक्षाओं में अवकाश प्रदान किए जाते हैं।आगे बोलते हुए, उन्होंने कहा कि सेमेस्टर की अंतिम परीक्षा के तुरंत बाद, उन सभी छात्राओं के लिए रीटेस्ट की सुविधा भी है, जो किसी भी विपरीत स्थिति के कारण अपनी परीक्षा में शामिल नहीं हो सके। यह व्यवस्था उन्हें साल भर नुकसान से भी बचा सकती है।
कन्या महा विद्यालय में परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता इसका एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू है। छात्रएं परिणाम घोषित होने के एक सप्ताह के अंदर अपनी उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करने के अवसर का भी लाभ उठा सकती हैं और अगर कोई छात्रा मूल्यांकन से असंतुष्ट है तो पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन कर सकता है और बहुत ही कम समय के भीतर नया परिणाम घोषित कर दिया जाता है। छात्राओं पर अंतिम परीक्षाओं का बोझ कम करने के लिए परीक्षा प्रणाली के तहत छात्राओं को इंटरनल एसेसमेंट की सुविधा भी प्रदान की जाती है। अंत में मैडम प्रिंसिपल ने कहा कि के.एम.वी. ऑटोनॉमस स्टेटस के तहत नई शिक्षा नीति के अनुसार उच्च शिक्षा दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटीज़ के बराबर शिक्षा की ज़रूरतों और गुणवत्ता को पूरा करने के लिए हमेशा नए सुधारों के लिए प्रयासरत है।