.
nirbhaya case gets justice The four convicts were hanged today What did the women of Jalandhar react to Punjab
जालंधर की महिलाओं ने क्या दी अपनी प्रतिक्रिया, जानें,
(पढ़ें और देखें पीटीबी न्यूज़ पर)
PTB Big न्यूज़ जालंधर : आज इंसाफ की सुबह का एक ऐसा ऐतिहासिक दिन था जब सात साल के बाद एक मां को इंसाफ तारीख पे तारीख मिलने के बाद मिला / निर्भया के चारों दोषियों को आखिर आज सुबह 5.30 बजे फांसी पर लटका दिया गया / 23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा जो छह दरिंदों की हैवानियत का शिकार हो गई थी को करीब सात साल के बाद इंसाफ मिल गया, हालाँकि छह दोषियों में राम सिंह को प्रमुख दोषी पाया गया था ने अदालत के अंतिम फैसले से पहले साल 2013 में ही फांसी लगा ली थी / वहीं एक अन्य नाबालिग दोषी गुमनामी में जी रहा है /
.
इस ऐतिहासिक फैसले के बाद पीटीबी न्यूज़ ने जालंधर शहर की कुछ महिलाओं से सम्पर्क किया तो उन्होंने ने भी इस ऐतिहासिक फैसले पर किसी ने ख़ुशी तो दुःख जताया / जालंधर की अखिल भारतीय ह्यूमन राइट्स की दीपाली बागड़िया ने पीटीबी न्यूज़ से विशेष बातचीत के दौरान कहा कि आज सुबह जो 5.30 पर निर्भया के दोषियों को फांसी दी गई है बहुत ही प्रशंसनीय कार्य है, यह उन दरिंदों के लिए एक सबक है जो आज भी गुमनामी के अँधेरे में महिलाओं से दरिंदगी का खेल खेल रहे हैं या सोचने की गन्दी कोशिश करते हैं / उन्होंने ने यह भी कहा कि मैं सरकार की और से अपील करना चाहती हूँ की सात साल के लम्बे अंतराल के बाद जो यह फैसला आया है इतना समय ना लगते हुए ऐसे अन्य मामलों मेँजल्द से जल्द फैसले लिए जाने चाहिए /

ऐसी ही श्रीमति एस. चौहान प्रिंसिपल आईवी वर्ल्ड स्कूल ने पीटीबी न्यूज़ से बातचीत करते हुए कहा कि आज की तारीख एक ऐतिहासिक तारीख है / उन्होंने कहा कि निर्भया को 7 साल बाद न्याय तो मिला है, लेकिन न्याय में देरी हुई है, साथ ही यह पहले से कहीं बेहतर है / न्यायपालिका ने ऐसे दरिंदों को कोई भी अपराध करने से पहले हजार बार सोचने का एक बड़ा संदेश दिया है / उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे दरिंदों को आज के फैसले के बाद बड़ा संदेश देते हुए कहा है कि आप कानून से भाग सकते हैं लेकिन अंत: में इससे बच नहीं सकते / उन्होंने माता-पिता, वकील और जनता को एक भव्य सलाम देते हुए कहा जो इतने लंबे समय तक धैर्य के साथ न्याय के लिए लड़ते रहे / उन्होंने कहा कि यह दुनिया हर इंसान की है और यह महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए एक बहुत ही अच्छा निर्णय है /

वहीं श्रीमती जसजीत मुंडी ने कहा कि निर्भया के दोषियों को सजा सात साल के बाद मिलना एक बहुत ही दुःखद कदम है हालाँकि सजा आज मिली जरूर है लेकिन कहीं ना कहीं न्यापालिका के काम काज पर भी कई सवाल खड़े हो जाते हैं / उन्होंने कहा कि हम सभी न्यापालिका का सम्मान करते हैं लेकिन इतनी देर लगाना भी गलत है / उन्होंने ने कहा कि न्यापालिका को और तेजी से कार्य करना चाहिए ताकि अपराधियों को तारीख पर तारीख देने का समय ही ना मिले / उन्होंने कहा कि हालांकि, देर से या नहीं, कम से कम पीड़ित परिवार को उन्हें अपना हक तो मिल गया / राष्ट्र पहले से ही जानता था, हमारी प्रणाली को यह सुनिश्चित करने में समय लगेगा लेकिन इंसाफ तो मिलेगा, देर से सही लेकिन बहुत बढ़िया कदम है /

वहीं श्रीमती प्रभनीत कौर का कहना है कि न्याय में देरी हुई है लेकिन पहले से कहीं बेहतर है / यह बाकियों के लिए एक अच्छा सबक है / उन्होंने कहा कई उन माता-पिता और वकीलों को सलाम जो धैर्य के साथ लड़ते रहे, देर चाहे लगी लेकिन न्यापालिका पर हमें गर्व है /

श्रीमती शिवानी धीर का कहना है कि अगर सात साल बाद न्यापालिका ने कोई उचित फैसला लिया है तो उन लोगों के लिए एक बड़ा सबक है जो ऐसे जघीन अपराध मेँ शामिल हैं, लेकिन आज तक पुलिस से बच रहे हैं / उन्होंने कहा कि भारत को इसके साथ ही एक बड़ा और मजबूत संदेश मिला है कि भविष्य में महिलाओं के खिलाफ इस तरह का अपराध बर्दाश्त नहीं किये जायेंगे /

श्रीमती मुक्ता सोबती ने कहा कि न्याय में देरी जुरुर हुई, लेकिन इस गंभीर अपराध के होने पर न्यायपालिका ने इंकार भी नहीं किया और तारीख पर तारीख देकर दोषियों को अपना गुन्हा कबूल करने की मौहलत देती रही, लेकिन दोषी कई तरह की नापाक चलें चलते रहे, आखिरकार आज सच की जीत हो ही गई /

श्रीमती साक्षी डिंगरा ने कहा की भारत सरकार ने जो किया वह सराहनीय है / निर्भया की माँ ने लंबे समय तक संघर्ष किया, हालाँकि न्याय मिलने में कई साल लग गए, लेकिन अंत में दोषियों को सजा मिल गई / यह जनता के लिए भी एक संदेश है कि आप कानून से दूर नहीं भाग सकते / उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि अंत में सही न्याय किया गया जोकि महिला सशक्तीकरण के लिए एक और बड़ा कदम है /

वहीं संगीत कुमार ने कहा कि हमारे देश में निर्भया के दोषियों को सजा सुनाने मेँ 7 साल लग गए / उन्होंने कहा कि तभी तो लोगों में न्यायपालिका पर विश्वास कम हो रहा है, क्योंकि करप्शन की सजा को लागू करने में देरी हो रही है और न्याय भी केवल मौत की सजा नहीं है / सरकारी आंकड़ों के अनुसार एक महिला ने औसतन हर 15 नाबालिगों से बलात्कार की रिपोर्ट भारत में है / समाज को शिक्षित करने के लिए समाजशास्त्रीय रवैये और जागरूकता की मदद से बदलाव लाया जा सकता है और यह बदलाव आज के इस ऐतिहासिक फैसले के बाद देखने को आने वाले समय में मिल सकता है /
.
हमारे फेसबुक पेज www.facebook.com/ptbnewsonline/ को लाईक करें और अपने शहर और आसपास की खबरें देखें सबसे पहले,
WhatsApp पर न्यूज़ Updates पाने के लिए हमारे WhatsApp नंबर 9592825203 को अपने Mobile में Save करके हमारे नंबर को अपने किसी ग्रुप में एड कर लें ताकि आपको, आपके पारिवारिक सदस्यों को, आपके दोस्तों को भी अपने शहर और आसपास की खबरें अपडेट न्यूज़ मिल सकें /
nirbhaya case gets justice The four convicts were hanged today What did the women of Jalandhar react to Punjab