ग्रेनेड हमला पंजाब को अस्थिर करने की साजिश का है हिस्सा, कहा हिंदू-सिख एकता चटटान की तरह मजबूत,
PTB Big Political न्यूज़ जालंधर : पूर्व उप-मुख्यमंत्री और शिरोमणी अकाली दल के वरिष्ठ नेता सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता मनोरंजन कानिया के आवास पर उनसे मिलने गए तथा कहा कि उनके निवास पर ग्रेनेड हमला पंजाब को अस्थिर करने और इसकी शांति और भाईचारक सांझ को तबाह करने की साजिश का हिस्सा है। इस अवसर पर सरदार सुखबीर सिंह बादल ने श्री मनोरंजन कालिया और अन्य नेताओं से बातचीत कर
.भाजपा नेता को आश्वासन दिया कि अकाली दल किसी भी कीमत पर पंजाब की शांति को तबाह नही होने देगा। उन्होने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि हिंदू-सिख एकता चटटान की तरह मजबूत है और वह इस तरह के कायरतापूर्ण हमलों से कतई नही टूटेगी। मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने के तरीके पर हैरानी व्यक्त करते हुए सरदार बादल ने कहा कि पंजाब में मौजूदा हालात ठीक वैसे ही हो रहे हैं, जैसे कि 1980 दशक की शुरूआत में थे।
.हम बाॅर्डर इलाकों के पुलिस स्टेशनों पर बार-बार बम हमले होते देख रहे हैं। अमृतसर में ठाकुरद्वारा मंदिर पर हमला किया गया, जबकि बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर की मूर्तियों के साथ तोड़ फोड़ की गई । उन्होने कहा कि अब राजनीतिक नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होने कहा कि विभिन्न समुदायों के बीच दरार पैदा करने के मकसद से ऐसी उकसाने वाली घटनाओं के बावजूद आम आदमी पार्टी सरकार कोई सुधारात्मक कदम उठाने में नाकाम रही है।
. .उन्होने कहा कि ऐसा लगता है कि पंजाब में कोई मुख्यमंत्री नही है। उन्होने गैंगस्टर राज के बारे में बात करते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार में राज्य से पूंजी का पलायन के साथ-साथ आप नेताओं और विधायकों द्वारा ड्रग्ज माफिया को संरक्षण दिया जा रहा है। यह कहते हुए कि यह सब हालात राज्य की बागडोर बाहरी लोगों को सौंपने के कारण ही हुआ है, वरिष्ठ नेता ने कहा,‘‘ आज हम देख रहे हैं कि पंजाब के सरकारी स्कूलों के मरम्मत कार्योें को दिल्ली के नेता मनीष सिसोदिया के नाम की
.पटिटकाएं चिपकाई जा रही हैं। उन्होने कहा कि सिसोदिया को चार विभागों की जिम्मेदारी दी गई और साथ ही चंडीगढ़ में आवास भी दिया गया है। उन्होने कहा यही हाल एक अन्य ‘जेल बर्ड’ सत्येंद्र जैन का भी है। उन्होने कहा कि यह मंत्रिपरिषद द्वारा ली गई गोपनियता की शपथ का स्पष्ट उल्लंघन है, जो बाहरी लोगों को आधिकारिक फाइलें देखने यां उनपर कोई निर्णय लेने की अनुमति नही देती। उन्होने कहा कि राज्य के इतिहास में ऐसी घटनाएं कभी भी नही हुई। सरदार बादल ने विपक्ष को
.डराने और यहां तक खत्म करने की व्यापक साजिश की गई। उन्होने कहा कैसे अमृतसर पुलिस ने उन पर हमला करवाया, जबकि वे उस समय श्री दरबार साहिब के प्रवेश द्वारा पर ‘सेवा’ कर रहे थे। कमिशनर अपराध स्थल का दौरा करने में भी विफल रहे और बाद में जानबूझकर ऐसा कमजोर चालान दायर किया गया ताकि आरोपी को जमानत सुनिश्चित हो सके, भले ही मैं हमले से पीड़ित था, लेकिन फिर भी घटना के बारे मेरा बयान लिया गया और न ही मेरी सुरक्षा के बारे कोई बयान लिया गया।
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