PTB Big न्यूज़ दिल्ली : MBBS सीट में NRI कोटा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाई है। MBBS सीट में NRI कोटा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने याचिका सुनने से मना कर दिया है। SC ने हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है। पंजाब सरकार ने NRI कोटे से दाखिले में करीबी रिश्तेदारों और आश्रितों को भी शामिल कर लिया था, जिसे हाई कोर्ट ने रद्द किया था। आज सुप्रीम कोर्ट ने भी पंजाब सरकार को आड़े हाथों लिया।
. .चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने इसे पैसा उगाहने का तरीका बताया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह पूरी तरह धोखाधड़ी है कि मेरिट वाले छात्र दाखिला नहीं ले पा रहे और लोगों को अपने NRI मामा, चाचा, मौसा तक के नाम पर एडमिशन दे दिया जाए, पिछले महीने पंजाब सरकार ने NRI कोटे में यह बदलाव किया था। बाबा फरीद यूनिवर्सिटी व हेल्थ साइंसेज ने चंडीगढ़ और पंजाब राज्य की ओर से मेडिकल यूजी कार्सेज में एडमिशन के लिए प्रोस्पेक्टस जारी किया था।
. .इसमें यूजी कोटा की अंतिम तिथि 16 और पंजाब राज्य के लिए 15 अगस्त बताई गई थी। याचिका में कहा गया है कि प्रदेश सरकार ने फॉर्म सबमिट होने के बाद 20 अगस्त को एडमिशन प्रोसेस चेंज कर दिया था। इसके अलावा NRI कोटे के नियमों में बदलाव किया था। आरोप है कि NRI कोटे की सीटें खाली रहने पर अन्य उम्मीदवारों को NRI कोटा के जरिये MBBS में एडमिशन दे दिया गया था।
. .याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में कहा था कि 22 अगस्त को एक नोटिफिकेशन जारी हुआ था। इसके बाद संस्थान ने NRI कोटा 15 फीसदी कर दिया था। आरोप है कि डॉ. बीआर अंबेडकर स्टेट इंस्टीटयूट मेडिकल साइंसेज मोहाली में MBBS की जनरल सीटें कम कर दी गई थी। इसे NRI कोटा बना दिया गया। आरोप है कि जो प्रॉस्पेक्टस जारी हुआ था, उसके अनुसार एडमिशन नहीं हुए हैं। उसे बीच में ही बदल दिया गया था। इस समय पंजाब में NRI कोटे की MBBS की लगभग 185 सीटें और BDS की 196 सीटें हैं। वहीं, पंजाब के मेडिकल कॉलेजों में NRI के लिए सीटें पहले से ही आरक्षित हैं।
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