CASA issued a Public Notice after the decision of Hon’ble Supreme Court and Punjab Haryana High Court regarding the issue of Fess
(पढ़ें और देखें पीटीबी न्यूज़ पर)
PTB न्यूज़ “शिक्षा” : सीबीएससी एफिलेटिड स्कूल एसोसिएशन द्वारा बीते दिनों माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्कूल फ़ीस को लेकर अभिभावकों द्वारा माननीय पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील को ख़ारिज करने के बाद, फिर से माननीय पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में पंजाब सरकार द्वारा रिप्टीशन लगाई गई थी /
..
जिसके बाद पंजाब सरकार को और स्कूल एसोसिएशन को तब बड़ा झटका लगा जब पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने कोरोना वायरस महामारी में भी निजी स्कूलों को ट्यूशन फ़ीस लेने की अनुमति दे दी और यह भी कहा कि जो अभिभावक स्कूल फ़ीस नहीं दे सकते हैं वह निवेदन पत्र पहले स्कूल के चेयरमैन को बाद में जिलाधीश को दे सकते हैं, इसमें यह भी लिखना होगा की वह किन कारणों से फ़ीस नहीं दे सकते /
वहीं स्कूल प्रबंधकों को यह भी आदेश दिए गए हैं फ़ीस ना मिलने के बाबजूद वह बच्चों का स्कूल नाम नहीं काट सकते और ना ही दी जाने वाली ऑनलाइन शिक्षा से बंचित रख सकते हैं / जिसके बाद अब Fess के मुद्दे को लेकर CASA यानि सीबीएससी एफिलेटिड स्कूल एसोसिएशन ने एक Public Notice ने जारी किया है,
..
जिसमें उन्होंने स्कूल प्रबंधकों द्वारा 2020-21 सत्र को लेकर ली जाने वाली फ़ीस, एडमिशन फ़ीस सम्बन्धी सारी जानकारी दी है / साथ ही स्कूल फ़ीस, वार्षिक फ़ीस, ट्रांसपोर्ट फ़ीस सहित बहुत सी रियायतें बच्चों के अभिभावकों कोरोना महामारी को देखते हुए दिन हैं /
.
हमारे फेसबुक पेज www.facebook.com/ptbnewsonline/ को लाईक करें और हमारे Youtube Channel https://www.youtube.com/ptbnewsonline/ को Subscribed करें और अपने शहर और आसपास की खबरें देखें सबसे पहले,
साथ ही आप हमारे Telegram नंबर 9815505203 पर न्यूज़ Updates पाने और WhatsApp नंबर 9592825203 पर न्यूज़ Updates पाने के लिए हमारे नंबर को अपने Mobile में Save करके या तो हमारे नंबर को अपने किसी ग्रुप में एड कर लें ताकि आपको, आपके पारिवारिक सदस्यों को, आपके दोस्तों को भी अपने शहर और आसपास की खबरें न्यूज़ मिल सकें या फिर हमें अपना पूरा नाम, शहर का नाम और इलाका जरूर लिखकर भेजें ताकि हम आपके नाम को Save करके किसी ग्रुप में एड कर सकें,
CASA issued a Public Notice after the decision of Hon’ble Supreme Court and Punjab Haryana High Court regarding the issue of Fess