PTB Big न्यूज़ लुधियाना : 1530 करोड़ की बैंक धोखाधड़ी के मामले में आज एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) की पंजाब के लुधियाना में कंपड़ कंपनी मेसर्स SEL टेक्सटाइल लिमिटेड पर छापेमारी की जा रही है। आज यानि शुक्रवार की सुबह से ही ED की टीम कंपनी के करीब 13 परिसरों में रेड कर चुकी है, जिसमें कई आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक संपत्तियां लुधियाना और शहीद भगत सिंह नगर में शामिल हैं।
. .ED के अधिकारी अर्धसैनिक बल के साथ अलग-अलग टीमें बनाकर ये छापेमारी कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि यह कार्रवाई केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा कंपनी के खिलाफ बैंक धोखाधड़ी मामले में जांच के संबंध में सूचना रिपोर्ट (ECIR) का अनुसरण है। CBI ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया था। जिसमें दावा किया गया था कि कंपनी ने 1530 करोड़ की धोखाधड़ी की है।
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विशेष रूप से ED ने फरवरी 2023 में 828 करोड़ की संपत्ति अटैच की थी। जिसमें लुधियाना, श्री मुक्तसर साहिब, शहीद भगत सिंह नगर (नवांशहर) अलवर और हिसार में भूमि, भवन और मशीनरी शामिल हैं। ED की अब तक की जांच में पता चला है कि SEL टेक्सटाइल्स लिमिटेड ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले बैंकों के संघ से ली गई ऋण राशि का दुरुपयोग किया था।
. .मामले में 14 अगस्त, 2020 को भी CBI ने कंपनियों के डायरेक्टर्स के घरों और दफ्तरों में रेड की थी। कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए थे। आरोपियों के लुक आउट सर्कुलर भी जारी किए गए थे। जांच के दौरान CBI ने कई लोगों से पूछताछ की थी। वहीं, एक डायरेक्टर नीरज सलूजा को गिरफ्तार कर लिया था। बैंक लोन की भारी रकम को आरोपियों ने अपनी संबंधित पार्टियों में लगा दिया।
.वहीं, बाद में ‘एडजस्टमेंट इंट्रीज’ दर्ज की गईं। वहीं, आरोपियों ने कथित रूप से गैर-प्रतिष्ठित सप्लायर्स से मशीनरी की खरीद दिखाई और अधिक रकम के इनवॉइस और बिल दिखाए। इसके अलावा CC लिमिट (स्टॉक, फिनिस्ड गुड्स आदि) के रूप में प्राइमरी सिक्योरिटी की भारी रकम में आरोपियों ने गड़बड़ी की, ताकि बेचे सामान की सेल प्रोसीड्स के रूप में बैंक रकम को अनुचित ढंग से इस्तेमाल कर सकें।
.SEL टेक्सटाइल्स लिमिटेड की मलोट, नवांशहर, नीमराना (राजस्थान) और हांसी (हिसार) में यूनिट हैं। यह ऊन, फैब्रिक आदि के निर्माण से जुड़ी कंपनी है। CBI ने मामले में 14 अगस्त, 2020 को CBI ने कंपनियों के डायरेक्टर्स के घरों और दफ्तरों में रेड की थी। कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए थे। आरोपियों के लुक आउट सर्कुलर भी जारी किए गए थे। जांच के दौरान CBI ने कई लोगों से पूछताछ की थी। वहीं एक डायरेक्टर नीरज सलूजा को गिरफ्तार कर लिया था।
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