Retired captain of the army, along with the villagers, built a bridge over the river Jammu
60 हजारी लकड़ी पुल को पार किया तो देखने लायक थे उनके चेहरे,
(देखें और देखें पीटीबी न्यूज़ पर)
PTB Big Exclusive न्यूज़ जम्मू कश्मीर / राजौरी : (रिपोर्ट) अनिल भरद्वाज : कभी था बेशुमार आतंक से ग्रस्त यह इलाका तो आज देश भक्ति की राह पर चल अपनों का दर्द देख समझ रहे जहां के लोग खुद की जेब से तैयार कर रहे हैं सड़क के बाद पुल, काम पूरा कराने बाले लोगों ने राजनेताओं व प्रशासन को ठेंगा दिखाया है /
.इसी इलाका के लोगों ने आठ किलो सड़क तैयार की थी जिसको तीन पंचायतों के तीन हजार आबादी को लाभ मिला था और सड़क का शुभारंभ किसी नेता जा अधिकारी ने नहीं बल्कि तीनों पंचायतों सरपंचों ने किया था और अब आर्मी के रिटायर्ड कैप्टन मोहम्मद शफी राही से लोगों का दर्द देखा नहीं गया और पुल तैयार /
पुल की समस्या को लेकर एक बार नहीं हज़ारों बार इस इलाके लोगों का प्रतिनिधि मंडल समस्या के हल के लिए कांग्रेस, भाजपा, एनसी, पीडीपी पूर्व सरकारों के नेताओं व प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत करवाया लेकिन बरसों वीत जाने के बाद भी समस्या को नजरअंदाज करते रहे / सरकारी तंत्र और जनप्रतिनिधि ने जब आंखें फेर लीं तो सीमावर्ती जिला राजौरी इलाके का रहने बाला इंडियन आर्मी से रिटायर्ड कैप्टन को जान हथेली पर रख स्कूली बच्चों व गांवों के लोगों नदी आर पार करने का दुख देख रहा नहीं गया / सकारात्मक सोच के साथ रात को सोया था और आधी रात को जाग गया /
.सेना से रिटायर्ड कैप्टन ने रातों रात मन ही मन साथ अपने दिमाग से लोगों के साथ मिल नेक कार्य करने का मन बना डाला / लोगों व स्कूली बच्चों की वर्षों पुरानी नदी में बहते पानी को आर-पार करने की समस्या सदा हल करने की मंशा जाग उठी / रात को ही नदी पर पुल का डिजाइन, लागत तय कर दी / किसी तरह सुबह हुई और लोगों के साथ मिल मिसाल कायमकर डाली, फिर क्या था साथी हाथ बढ़ाना एक अकेला थक जाएगा मिलकर हाथ बढ़ाना गीत की तर्ज पर जम्मू संभाग के सीमावर्ती जिला राजौरी स्थित तहसील थन्नामंडी निवासी इंडियन आर्मी से रिटायर्ड कैप्टन मोहम्मद शफी राही व वार्ड नौ के लोग एक हो गए /
.रिटायर्ड कैप्टन मोहम्मद शफी राही ने खुद अपनी जेब, अपने बच्चा जो सेना में कार्यरत है व कुछ आस पास के लोगों से रुपया इकट्ठा कर लोगों के साथ व खुद कड़ी मेहनत कर लकड़ी का पुल बना डाला / लोगों ने तो अपनी जमीन पुल के लिए समर्पित की दी / पुल बनने से थन्नामंडी टाउन के वार्ड नं 9 के लोगों के साथ गांव डन्ना, मगोटा, थन्ना के साथ बसने बाले करीब चार हजार से अधिक की आबादी को लाभ पहुंचा है /
.स्कूली बच्चों का स्कूल व मरीजों को अस्पताल पहुँचना सरल होने के साथ सालों पुरानी समस्या से छुटकारा मिला और स्कूली बच्चों व लोगों ने 60 हजारी लकड़ी पुल को पार किया तो उनके चेहरे देखने लायक थे / बता दे कि थन्नामंडी यह क्षेत्र करीब 20 साल तक आतंकवाद के जकड़ में रहा था। यहां कई आतंकी वारदातें भी हो चुकी हैं /
.पुल बनाने के लिए सरकारी निर्माण एजेंसी वर्षो लगा देती है, लेकिन इंडियन आर्मी से रिटायर्ड कैप्टन मोहम्मद शफी ने आस पास के लोगों के साथ मिल व जेसीबी मशीन की मदद से दिन रात कड़ी मेहनत के साथ 60 हजारी लकड़ी के पुल का काम पूरा कर लिया / दरअसल आजादी के बाद से राजौरी जिले के उपजिला थन्नामंडी टाउन के वार्ड नं 9 सहित टाउन के साथ लगते गांव डन्ना, मगोटा, थन्ना के लोग नदी पर पुल न होने से परेशान थे सुबह शाम दोपहर हो जा बरसात नदी में बहते पानी के तेज बहाव में जान हथेली पर रख नदी को पिछले कई बरसों से आर पार कर रहे थे / इस दौरान कई सरकारें आई और गईं / विकास सिर्फ नेताओं और अधिकारियों के आश्वासनों में था / बुजुर्गों से लेकर युवाओं ने भी पुल बनवाने के लिए संघर्ष किया /
.
रिटायर्ड जवान ने कहा कि जब हमारी किसी ने नहीं सुनी तो मेने लोगों से राय मांगी / खुद से पैसे जुटाकर सड़क बनाने का फैसला लिया / इसके बाद लोग पैसे देने लगे / पुल का डिजाइन तैयार कर उसके तुरंत बाद पुल का कार्य शुरू करवाया / एक जेसीबी मशीन लगाई गईं। खुद भी मजदूर की तरह काम किया / पुल बनने से स्कूली बच्चों और आम लोगों को लाभ होगा / पहले अगर कोई बीमार हो जाता था तो उसे चारपाई पर डालकर नदी को पार कर लेना पड़ता था जो बरसात में में ओर भी मुसीबत बन जाता था स्कूली बच्चे बरसात के दिनों में स्कूल जाना बंद हो जाता था /
.
हमारे फेसबुक पेज www.facebook.com/ptbnewsonline/ को लाईक करें और अपने शहर और आसपास की खबरें देखें सबसे पहले,
WhatsApp पर न्यूज़ Updates पाने के लिए हमारे WhatsApp नंबर 9592825203 को अपने Mobile में Save करके हमारे नंबर को अपने किसी ग्रुप में एड कर लें ताकि आपको, आपके पारिवारिक सदस्यों को, आपके दोस्तों को भी अपने शहर और आसपास की खबरें अपडेट न्यूज़ मिल सकें /
Retired captain of the army, along with the villagers, built a bridge over the river Jammu