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पंजाब के 13 टीचर्स विजिलेंस की रडार पर, प्रिंसिपल की गिरफ्तारी के बाद सामने आए नाम, कैसे हुआ खुलासा,

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PTB Big न्यूज़ लुधियाना : पंजाब के लुधियाना जिले के 13 सरकारी टीचर्स विजिलेंस के रडार पर हैं। विजिलेंस ब्यूरो मोहाली द्वारा सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल फेज-11 में तैनात प्रिंसिपल को जाली डिग्री के आधार पर सरकारी नौकरी लेने व तरक्की हासिल करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इसके बाद 12 अन्य अध्यापकों के नाम सामने आए हैं। इन सभी अध्यापकों ने भी मगध विश्व विद्यालय और बुंदेलखंड से डिग्रियां प्राप्त की हैं।

सभी डिग्री होल्डर पूर्व शिक्षा मंत्री तोता सिंह के समय तैनात हुए हैं। पंजाब अगेंस्ट करप्शन के सदस्य सतनाम सिंह ने बताया कि 2004 में उस समय के शिक्षा विभाग के डिप्टी डायरेक्टर अजमेर सिंह ने सिर्फ मगध विश्व विद्यालय से अध्यापकों को मिली डिग्रियों पर जांच के लिए कमेटी बनाई थी। अजमेर सिंह उस कमेटी के चेयरपर्सन थे। उन्होंने 6 साल तक इन जाली डिग्रियों की जांच की।

कुल 69 डिग्रियों का मगध विश्व विद्यालय से रिकॉर्ड मांगा गया। 69 डिग्रियों में 13 डिग्रियों का रिकॉर्ड यूनिवर्सिटी ने देने से मना कर दिया, क्योंकि यह सभी डिग्रियां राजनीतिक प्रभाव के कारण बाहर नहीं निकल पाईं। यूनिवर्सिटी ने जिन 56 डिग्रियों का उस समय रिकॉर्ड मुहैया करवाया था, वह सभी जाली पाई गई थीं। उस समय की सरकार ने इन जाली डिग्रियां हासिल करने वाले अध्यापकों पर कोई एक्शन नहीं लिया।

2009 में अजमेर सिंह रिटायर हो गए, जिसके बाद फाइल को मिलीभगत करके दबा दिया गया था। अब जब RTI लगाकर उन सभी अध्यापकों का रिकॉर्ड मांगा गया तो यूनिवर्सिटी अब रिकाूर्ड खो जाने का हवाला दे रही है। इस बीच प्रिंसिपल परमजीत कौर की पड़ताल लगातार विजिलेंस करती रही, जिसके बाद जाली डिग्री लेकर सरकारी नौकरी लेने का खुलासा हुआ है।

सतनाम सिंह ने बताया कि उस समय जिन 13 डिग्रियों का रिकॉर्ड नहीं मिला था, आज उनके नाम भी सामने आए। उन्हीं 13 डिग्री होल्डरों में परमजीत कौर भी शामिल है। इसलिए अब जरूरी बन गया है कि 12 अध्यापकों की भी पंजाब सरकार गहनता से जांच करवा मामला उजागर करे। RTI विभाग ने भी पंजाब सरकार और विजिलेंस को सुझाव दिया है कि वह बाकी बचे 12 डिग्री होल्डर अध्यापकों की भी जांच करें, ताकि सच्चाई सामने आ सके।

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